Tuesday, November 13, 2012

चाँद अब सुर्खियों में रहता है


अपनी ही मस्तियों में रहता है
चाँद अब सुर्खियों में रहता है

है अँधेरा भी उस के पास कहीं
सिमट कर हाशियों में रहता है

सब सितारे भी मेरे डूब चुके
दुख मेरी राशियों में रहता है

भर्म का आयना था टूट गया
दिल मेरा किरचियों में रहता है

दिल में इनसान के,का'बे में नहीं
न खुदा काशियों में रहता है