Sunday, January 15, 2012

यह होश मुझे अब होश नहीं


नहीं साहिब मैं मदहोश नहीं
यह होश मुझे अब होश नहीं

कुछ गोआई भी ,  जुबां जो है !!
गूंगी तो हो ,खामोश नहीं

कुछ तारों और लकीरों का 
तेरा ना मेरा दोष नहीं

सभ कहते हैं रब है , होगा !
लेकिन बा-चश्म -   -गोश नहीं

टूटा है पः , इशक पे आमादा 
दिल को अब भी संतोष नहीं 

बस शोला- बिआनी , आग-ज़नी
इक जब्र तो है पर जोश नहीं 

चश्म --मैगूना साकी मगर 
मद हूँ पर बादा-नोश नहीं 

दस्तार- -ब़र-सर - -वक़्त  हो तू
जाते पल का पा-पोश नहीं


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