कभी रोना कभी रोते हँसा देना
बहुत मुश्किल है यादों का भुला देना
सुलगती याद पे दार-ए-नमु होना
तिरा आँचल कि शोलों को हवा देना
वर्क पे अश्क का रुशनाई हो जाना
ज़िक्र याराँ है कलमों को सज़ा देना
हुई मुद्दत है खोया दिल हसीं मालिक
मिरा है देख लेने दे, ज़रा देना
सर-ए-महफ़िल बहारों का समाँ होना
तिरा ऩज़रें झुका के मुस्कुरा देना
गई रातों फुगाँ से थपथपा देना
खुली आँखों में यादों को सुला देना
तिरा सदका फ़क़ीरों को बखश देना
मुरादें पूरी हों !! उनका दुआ देना
उम्मीदों के चिरागों को जला रखना
कि रस्म-ए-इश्क़ है खुद को मिटा देना
बहा यह खूँ किसी तो काम आ जाए
किसी नाज़ुक हथेली को हिना देना
मिलेंगे, कह गये हंगाम-ए- महशर पे
कयामत बरपा हो तादम दुआ देना
बहुत मुश्किल है यादों का भुला देना
सुलगती याद पे दार-ए-नमु होना
तिरा आँचल कि शोलों को हवा देना
वर्क पे अश्क का रुशनाई हो जाना
ज़िक्र याराँ है कलमों को सज़ा देना
हुई मुद्दत है खोया दिल हसीं मालिक
मिरा है देख लेने दे, ज़रा देना
सर-ए-महफ़िल बहारों का समाँ होना
तिरा ऩज़रें झुका के मुस्कुरा देना
गई रातों फुगाँ से थपथपा देना
खुली आँखों में यादों को सुला देना
तिरा सदका फ़क़ीरों को बखश देना
मुरादें पूरी हों !! उनका दुआ देना
उम्मीदों के चिरागों को जला रखना
कि रस्म-ए-इश्क़ है खुद को मिटा देना
बहा यह खूँ किसी तो काम आ जाए
किसी नाज़ुक हथेली को हिना देना
मिलेंगे, कह गये हंगाम-ए- महशर पे
कयामत बरपा हो तादम दुआ देना
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