मेरे जोश-ए-जनूँ
की महकी दुआ
मेरे दिल की सदा
इक तुम ही तो हो;
मेरा दर्द-ए-निहाँ
की कार-ए-निवाज़
और उस की दवा
इक तुम ही तो हो;
फूल पँखङियों पे
रन्ग सजा
मेरे खाबों के
बागों में खिला
खुशबू से भरा
इक तुम ही तो हो;
चाहत का सिला
खिल फूल हुआ
ओर महकता-
इक तुम ही तो हो;
सावन रुत की
रिमझिमती फुहार
भँबरे की सदा,
कोयल की पुकार
घनघोर घटा-
इक तुम ही तो हो;
वल खाती हवा
सम बाद-ए-सबा
सावन की घटा-
इक तुम ही तो हो;
चेतर-सुबह को
सरसों में खिली
खेतों में जैसे
धूप उगी
कलियों की अदा
इक तुम ही तो हो;
भँवरे का फिदा
मदमसत नवा
गुल-परकरमा
इक तुम ही तो हो;
सब तुम ही तो हो
की महकी दुआ
मेरे दिल की सदा
इक तुम ही तो हो;
मेरा दर्द-ए-निहाँ
की कार-ए-निवाज़
और उस की दवा
इक तुम ही तो हो;
फूल पँखङियों पे
रन्ग सजा
मेरे खाबों के
बागों में खिला
खुशबू से भरा
इक तुम ही तो हो;
चाहत का सिला
खिल फूल हुआ
ओर महकता-
इक तुम ही तो हो;
सावन रुत की
रिमझिमती फुहार
भँबरे की सदा,
कोयल की पुकार
घनघोर घटा-
इक तुम ही तो हो;
वल खाती हवा
सम बाद-ए-सबा
सावन की घटा-
इक तुम ही तो हो;
चेतर-सुबह को
सरसों में खिली
खेतों में जैसे
धूप उगी
कलियों की अदा
इक तुम ही तो हो;
भँवरे का फिदा
मदमसत नवा
गुल-परकरमा
इक तुम ही तो हो;
सब तुम ही तो हो
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